० आरआरवीयूएनएल की मदद से बनेगी पुलिया, ग्रामीणों को मिलेगा आवागमन में बड़ा लाभ
० खदान द्वारा विकसित किए जा रहे नये जंगल को देखा और पर्यावरण संरक्षण के प्रयास को सराहा
अंबिकापुर।सूरजपुर जिले के जनार्दनपुर ग्राम पंचायत में मंगलवार को गर्जन नाला पर पुलिया निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया गया। कुल 15.63 लाख रुपये की लागत से बनने वाली इस पुलिया का निर्माण अदाणी फाउंडेशन द्वारा राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) के सामाजिक सहभागिता के अंतर्गत किया जा रहा है। इस परियोजना से जनार्दनपुर और मेंड्रा के ग्रामीणों को आवागमन में बड़ी सुविधा मिलेगी तथा प्रेम नगर ब्लॉक से बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित होगी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रेम नगर विधायक माननीय भूलन सिंह मरावी ने भूमि पूजन कर निर्माण कार्य की शुरुआत की। इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि संत साहू, जनपद अध्यक्ष फुलेश्वर सिंह, जिला पंचायत सदस्य नयन सीरदार, मंडल अध्यक्ष मिथिला बंजारा, मंडल महामंत्री विजय सीरदार, युवा मोर्चा मण्डल महामंत्री महेंद्र प्रताप यादव, मेंड्रा सरपंच सरोज उईके, जनार्दनपुर सरपंच विजय सिंह, तारा सरपंच संपतिया देवी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
इस अवसर पर श्री मरावी ने कहा,”जनार्दनपुर ग्राम पंचायत में गर्जन नाला में पुल निर्माण के लिए आज मैंने भूमिपूजन किया है। अदाणी फाउंडेशन द्वारा आरआरवीयूएनएल के सीएसआर से इसका निर्माण कराया जा रहा है। पहले ग्रामीणजनों को आवागमन में काफी दिक्कत और परेशानियों का सामना करना पड़ता था, खास तौर पर बारिश के मौसम में उनकी गाड़ियां फंस जाया करती थीं। स्वयं मेरे एक परिचित की गाड़ी भी इस नाले में फंस चुकी है। निश्चित तौर पर इस पुल के निर्माण से ग्रामवासियों सहित आस-पास के पूरे क्षेत्र को कनेक्टिविटी में सहूलियत मिलेगी।”
भूमि पूजन के पश्चात विधायक श्री मरावी ने परसा ईस्ट केते बासन (PEKB) खदान का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पौधरोपण किया और अदाणी समूह द्वारा जिम्मेदारी पूर्वक किए जा रहे खनन प्रक्रियाओं को देखा और जाना। साथ ही खनन पश्चात पुनर्स्थापित किए जा रहे जंगल में लगे 15 लाख पेड़ों के बारे में जानकारी ली और पूरे कार्यों को भी करीब से देखा। उन्होंने समूह द्वारा किए जा रहे पर्यावरणीय गतिविधियों की सराहना की।
विधायक मरावी ने प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जा रहे “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान का उल्लेख किया और सभी को इस अभियान से जुड़ने की वकालत की। उन्होंने कहा,”आज मैं पीईकेबी खदान में आया। यहां प्लांटेशन क्षेत्र में पौधरोपण किया और खदान द्वारा अब तक लगाए गए 15 लाख से अधिक पौधों का निरीक्षण भी किया। उनकी नर्सरी में तकरीबन 6 लाख से अधिक पौधे हैं। इनका काम काफी सराहनीय है। ‘साल’ जैसे पौधे को रीजनरेट करके यहां पर लगाना एक कठिन कार्य है और मैंने पहली बार देखा है कि कोई खदान इस प्रकार की जिम्मेदारी के साथ पर्यावरण को लेकर काम कर रही है। यह देखकर मैं बहुत खुश हूं कि यहां उन्होंने लगभग सभी जंगली प्रजातियों के पौधों को यहां रोपित किया है जो अब एक घना जंगल का रूप लेते जा रहे हैं। खदान द्वारा पर्यावरण को बचाने की दिशा में जो कार्य हो रहा है, वह प्रशंसनीय और अनुकरणीय है।”
आरआरवीयूएनएल द्वारा क्षेत्र में ढांचागत विकास की श्रंखला में खदान के पास के 14 गावों की बड़ी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में मरम्मत तथा बाला पेंटिंग, अतिरिक्त कक्षाओं एवं पक्के शौचालयों का निर्माण, गांव में सड़क निर्माण एवं यात्री प्रतीक्षालयों के मरम्मत तथा सौंदरीकरण इत्यादि के कार्य शामिल है। साथ ही पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए 15 लाख से ज्यादा पेड़ 450 हेक्टेयर से ज्यादा खनन की हुई जमीन में रोपित किया है। इससे यह स्पष्ट होता है की पीईकेबी खदान द्वारा क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और हरित भविष्य मिल सके।